अंजीर क्या होता है?
संसारभर में अंजीर को भोजन का स्वाद बढ़ाने और उसे पौष्टिक बनाने के लिए जाना जाता है लेकिन इसके साथ ही अंजीर अनेकों औषधीय गुणों से भी भरपूर है।
अंजीर गूलर प्रजाति का फल है। अंजीर को काकोदुम्बर, Common fig नामों से भी जाना जाता है। इसे लैटिन में ‘फायकस केरिया’ (Ficus carica) कहते हैं। यह पक जाने पर गिर जाता है। इसके फल को सूखा कर भी खाया जाता है और यह पंसारी की दूकान पर आसानी से मिल जाता है। दुकानों पर यह गोल-गोल चपटे सिक्कों जैसा माला में पिरोया हुआ मिल जायेगा। इसे नाश्ते में दूध के साथ भी खाया जाता है और यह बहुत ही गुणकारी होता है।
अंजीर के प्रकार
अंजीर दो प्रकार का होता है:-
- पहला वो जिसे हम बगीचे में लगाते हैं। इसकी खेती की जाती है और इसके फल और पत्ते बड़े होते हैं।
- दूसरा जंगली अंजीर। इसके फल और पत्ते छोटे-छोटे होतें हैं।
अंजीर खाने के फायदे (anjeer khane ke fayde hindi mein)
अंजीर का फल शीतल, नकसीर व रक्त स्राव रोधक, सिर दर्द, आंखों की जलन, पुराणी कब्ज, रक्त विकार, कुष्ट व चर्म रोग, श्वेत कुष्ठ (ल्यूकोडमी) में उपयोगी है।
यह खूब मीठा होता है और ज्वर, कब्ज, दुर्बलता, विष के प्रभाव, सूजन, पथरी, लकवा को मिटने वाला तथा तृषानाशक, कामोद्दीपक, कांतिवर्धक, अत्यधिक पौष्टिक, वीर्य के शुक्राणुओं की संख्या बढ़ने वाला है। यह गठिया, बवासीर, तिल्ली और यकृत की सूजन, पुरानी खांसी तथा शरीर में संचित दोषों को मुलायम करके निकलने वाला है।
यह जल्दी पच जाता है तथा भूखे पेट खाने पर खूब भूख बढ़ाता है। यह बादाम व पिश्ते के साथ खाने से बुद्धिवर्धक, अखरोट के साथ कामोद्दीपक, स्त्रियों के रक्त प्रदर में बहुत लाभदायक दवा है।
महिलाओं के लिए अंजीर के फायदे
गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और अपने शिशु के सही विकास के लिए पोषक तत्वों से युक्त भोजन लेने की सलाह दी जाती है। दुनिया के सबसे पुराने फलों में शुमार अंजीर काफी सारे पोषक तत्वों से युक्त है।
- यह महिलाओं के बाँझपन की समस्या में भी फायदेमंद है।
- पीएमएस (PMS) के लक्षणों को कम करने और मासिक चक्र को नियंत्रित करने के लिए अंजीर किशोर लड़कियों के लिए भी मूल्यवान हैं।
- स्त्रियों में होने वाली रक्त प्रदर की समस्या में भी अंजीर बहुत लाभदायक दवा है।
पुरुषों के लिए अंजीर के फायदे
अंजीर एक अद्भुत फल है और प्राचीन काल से विभिन्न यौन रोगों जैसे नपुंसकता, कम सहनशक्ति और स्तंभन दोष के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है।
- अंजीर में मौजूद विटामिन बी 6, ए और खनिज पोटेशियम, तांबा और मैग्नीशियम वीर्य उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है।
- सूखे अंजीर अमीनो एसिड से भरपूर होते हैं और यह जीवन शक्ति और कामेच्छा को बढ़ाकर एक बेहतरीन कामोत्तेजक फल के रूप में काम करते है।(1)
- इसके अलावा, कई अध्ययनों ने साबित किया है कि अंजीर स्तंभन दोष के अंतर्निहित कारणों का इलाज करने में प्रभावी हैं।
अंजीर को पानी में भिगोकर खाने के फायदे
यूनानी चिकित्सा के अनुसार अंजीर की तासीर गरम होती है। लेकिन आयुर्वेद में बताया गया है कि अगर अंजीर को पानी में भिगोकर उसका प्रयोग किया जाये तो यह हमारे शरीर को शीतलता पहुँचाने वाला होता है। इसलिए गरम प्रदेशों में या गर्मी के दिनों में इसे पानी में भिगोकर खाना ही उचित होगा।
अंजीर के अन्य फायदे
- अंजीर के सेवन से बवासीर ठीक होता है।
- दूध के साथ अंजीर लेने से रक्त की वृद्धि होती है।
- अंजीर के सेवन से चर्म रोग दूर होता है।
- अंजीर से पुरानी खांसी में लाभ होता है।
- अंजीर गठिया रोग में लाभकारी है।
- दो अंजीर को एक गिलास पानी में भिगो दें और शाम को खाएं इसी प्रकार शाम को भिगोएं और प्रातः खाएं, इस प्रकार एक सप्ताह खाने पर ख़ूनी बवासीर ठीक होता है।
- गांठ पर पके अंजीर को पानी में पीसकर तथा गरम गांठ पर लेप करें कुछ ही दिनों में गांठ बेथ जाएगी।
- अंजीर की लकड़ी जलाकर, राख को एक कप पानी में डालकर दो घंटे बाद में छानकर पिएं। सात दिन तक जमा ख़ून बिखर जावेगा।
- सफेद दाग में अंजीर मूल घिसकर लगाएं या पत्तों का रस लगाने से सफ़ेद दाग फैलना बंद हो जाता है।
- अंजीर मूल की छाल गाय के मूत्र में घिसकर लगाने से श्वेत दाग फैलना बैंड हो जाता है तथा साथ में फल खाने से श्वेत दाग में परिवर्तन होता है।
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अंजीर कैसे खाएं (anjeer ko kaise khayen)
अंजीर सूखे मेवे के रूप में सम्पूर्ण भारत वर्ष में जाना जाता है ओर लोग इसे भिगोकर भी प्रयोग करते है।
आयुर्वेद में इनके अनेक औषधीय गुणों का वर्णन है।
यूनानी चिकित्सा में इसके फल को गरम एवं आयुर्वेद में इसे शीतल माना गया है हालांकि इस पर किये गए प्रयोगों से पता चलता है कि अगर हम इसे बिना भिगोए सूखा ही प्रयोग करते हैं तो उसकी तासीर गर्म रहती है और यह शरीर में गर्मी पैदा करता है लेकिन अगर हम इसे 5-6 घंटे तक भिगोने के बाद सेवन करते हैं तो यह शीतलता प्रदान करता है।
अंजीर पानी में भिगोकर, दूध में उबालकर या वैसे ही चबा- चबाकर खाए जाते हैं। इसके विभिन्न तरह के प्रयोग से बवासीर, श्वेत कुष्ठ, खून के थक्के जमना, बड़गांठ, फोड़े, नासूर, श्वास रोग में बीमारी के पौष्टिक पथ्य के रूप में, स्वादिष्ट नाश्ते के रूप में प्रयोग किये जाते हैं।
अंजीर के आचार तथा चटनियाँ भी बनाकर औषधि के रूप में उपयोग ली जाती है। कब्ज की तो यह मशहूर घरेलू दवा है ही।
अपने आहार में अंजीर को शामिल करने के तरीके
अंजीर को अपने आहार में कई तरीकों से शामिल किया जा सकता है। इससे आपको स्वाद के साथ- साथ स्वास्थ्य में भी लाभ मिलेगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अंजीर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
ताज़ा अंजीर
ताज़े अंजीर में कैलोरी की मात्रा कम होती है और इनसे बहुत ही बढ़िया स्नैक्स बनते हैं। ताज़े अंजीर को सलाद की तरह भी प्रयोग कर सकते है। मिठाई या जैम बनाने के लिए भी अंजीर का प्रयोग किया जा सकता है।
सूखे अंजीर
सूखे अंजीर में कैलोरी और प्राकृतिक चीनी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। जो लोग अधिक मीठा खाना पसंद करते है उनके लिए सूखे अंजीर का नाश्ता बहुत ही शानदार हो सकता है।
सूखे अंजीर को दलिया और साबुत अनाज से बने नाश्ते में ऊपर से डालने पर भोजन का स्वाद काफी बढ़ जाता है।
केक, पुडिंग, कस्टर्ड या जैम बनाते समय इसका उपयोग प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में भी किया जाता है।
अंजीर की पत्ती की चाय
अंजीर की चाय सूखे अंजीर के पत्तों से बनाई जाती है। इसकी चाय ताज़ा हर्बल पेय हैं जो ऊर्जा को बढ़ाती हैं और मूड को ताज़ा करती है।
इसके पत्ते कनीदार गोल होते है, काष्ठ भूरे रंग की होती है, छाल में दूध होता हैं। इसका वृक्ष 6 से 10 फीट तक ऊंचा पत्ते ऊपर की तरफ खुरदरे होते हैं। इसके वृक्ष चूनायुक्त मिट्टी में ज्यादा फलते हैं। भारत में पूना के आसपास और अफगानिस्तान व ईरान में अंजीर बहुत पैदा होते हैं।